From Ambedkar's Perspective: Buddhism

अंबेडकर जी के दृष्टिकोण से बौद्ध धर्म

Authors

  • Dr. Poonam Associate Professor, Department of History, Raghunath Girls PG College, Meerut

DOI:

https://doi.org/10.53573/rhimrj.2025.v12n5.010

Keywords:

Buddhism, Ambedkar, Equality, Rational Religion

Abstract

Dr. B.R. Ambedkar’s perspective on Buddhism reflects his deep understanding of religion as a tool for social transformation rather than mere spiritual salvation. Rejecting caste-based discrimination, ritualism, and blind faith prevalent in Hinduism, Ambedkar embraced Buddhism for its rational, moral, and egalitarian values. He believed that true religion should be based on reason, compassion, and equality, and must align with scientific principles. Ambedkar viewed Buddha not as a divine incarnation, but as a human who offered a logical and ethical path for societal well-being. His adoption of Buddhism was a conscious decision rooted in its democratic ideals and its emphasis on moral discipline. Through his writings, he presented Buddhism as a dynamic and inclusive religion capable of addressing contemporary social issues. His vision of Dhamma is centered on humanity, justice, and progress, making Buddhism a path of liberation for the oppressed.

Abstract in Hindi Language: डॉ. भीमराव अंबेडकर का बौद्ध धर्म के प्रति दृष्टिकोण सामाजिक परिवर्तन के प्रभावी साधन के रूप में धर्म की व्याख्या करता है। उन्होंने हिंदू धर्म में व्याप्त जातिवाद, पाखंड और अंधविश्वास को त्यागते हुए बौद्ध धर्म को तर्क, नैतिकता और समता पर आधारित धर्म के रूप में अपनाया। अंबेडकर का मानना था कि सच्चा धर्म वह है जो विज्ञान-सम्मत, करुणामय और समानता पर आधारित हो। उन्होंने भगवान बुद्ध को ईश्वर का अवतार नहीं, बल्कि एक मानव के रूप में देखा जिन्होंने समाज के कल्याण के लिए तार्किक मार्ग प्रस्तुत किया। उनका बौद्ध धर्म अपनाना एक सोच-समझकर लिया गया निर्णय था, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और नैतिक आचरण पर आधारित था। अंबेडकर ने बौद्ध धर्म को आधुनिक सामाजिक समस्याओं का समाधान देने वाला जीवंत और समावेशी धर्म माना। उनके लिए धम्म का अर्थ मानवता, न्याय और प्रगति का पथ है।

Keywords: बौद्ध धर्म, अंबेडकर, समानता, तार्किक धर्म

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Published

2025-05-15

How to Cite

Poonam. (2025). From Ambedkar’s Perspective: Buddhism: अंबेडकर जी के दृष्टिकोण से बौद्ध धर्म. RESEARCH HUB International Multidisciplinary Research Journal, 12(5), 89–94. https://doi.org/10.53573/rhimrj.2025.v12n5.010

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